Co-founder Lenin Raghuvanshi has been named a finalist for this year’s Global Pluralism Award presented by the @Global Centre for Pluralism. The award recognizes and celebrates #pluralism in action; individuals, organizations and governments from around the world who demonstrate extraordinary contributions to building societies where diversity is protected and valued.
We look forward to the virtual ceremony in February 2022. Congratulations to all the 2021 #GlobalPluralismAward finalists! #PluralismAward2021
https://award.pluralism.ca/2021-global-pluralism-award-finalists/
https://junputh.com/voices/global-pluralism-award-ten-finalists-lenin-raghuvanshi-kashi/
https://www.jubileepost.in/lenin-in-final-list-for-pluralism-award/
आज से सात साल पहले नरेंद्र मोदी ने जहां से भारतीय समाज और संस्कृति की बहुलता को चुनौती दी थी, दुनिया ने वहीं से बहुलता की रक्षा के लिए एक शख्स को सम्मानित किया है। #काशी के डॉ. लेनिन को आज दुनिया भर में बहुलता के संरक्षण के लिए प्रयासरत दस शख्सियतों की अंतिम सूची में शामिल किया गया। ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म यह पुरस्कार हर दो साल में एक बार दुनिया भर के व्यक्तियों, संगठनों और सरकारों को ऐसे अधिक समावेशी समाजों के निर्माण में अनुकरणीय उपलब्धियों के लिए देता है जहां विविधता की रक्षा की जाती है।
इस मौके पर कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जो क्लार्क ने कहा, “बहुलवाद सम्मान, सहयोग और साझा उद्देश्य का एक ऐसा विवरण है जो समुदायों को गतिशील रखता है। इन शख्सियतों ने बहुलवाद में उल्लेखनीय योगदान दिया है। वे आज की दुनिया में अन्याय, असमानता और अपवर्जन की चुनौतियों से निपटने में मौलिकता और साहस को दर्शाते हैं।”
ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म को 2021 ग्लोबल प्लुरलिज़्म अवार्ड के लिए 70 देशों से 500 नामांकन प्राप्त हुए थे। नामांकित व्यक्ति कठोर समीक्षा प्रक्रिया से गुजरते हैं और बहुलवाद से संबंधित अनुशासनों की स्वतंत्र विशेषज्ञों की अंतरराष्ट्रीय जूरी द्वारा चुने जाते हैं।
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